Badhotri Ka Parmeshwar
Badhotri Ka Parmeshwar

Badhotri Ka Parmeshwar

जिसे दुनिया कहती है कमज़ोर,
वही लगाएगा उस आख़िरी जंग में ज़ोर

ये तेरा कैसा बल
जो मुझे बनाता है
योद्धाओं का दल?

जिसका दुनिया करती है निरादर
उसे ही मिला है हर-मगिदोन
की जंग लड़ने का आदर

जिसका छीना गया था हक़
वही करेगा हुकूमत
सहस्त्राब्दी तक

वादा मिलना काफ़ी नहीं
नहीं भविष्यवाणी
चुनी हुई तो महारानी वशती भी थी
अनुग्रह के बिना हम कुछ भी नहीं

अहंकार बनाता है अनुग्रह का मोहताज
समृद्धि, महिमा और जीवन
हैं दीन का सरताज

मैंने देखा है चुने हुओं को गिरते हुए
विनम्रता अनुग्रह की सीढ़ी है
आस्था कृपादृष्टि रखनेवाले को भाती है

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